क्या है दिल में पता नहीं रहता

क्या है दिल में पता नहीं रहता कुछ भी रुख़ पर लिखा नहीं रहता   अपनी मिट्टी को छोड़ देता है पेड़ जो भी, हरा नहीं रहता   उम्र भर शोहरतों का सूरज भी हाथ बांधे खड़ा नहीं रहता   पर्वतों की रुकावटों से कभी कोई दरिया रुका नहीं रहता   आदमी क्या बग़ैर पानी … Continue reading क्या है दिल में पता नहीं रहता